You are here
Home > पे पर क्लिक मार्केटिंग pay per click > Cost Per Click – CPC क्या होता है?

Cost Per Click – CPC क्या होता है?

कॉस्ट पर क्लिक का अर्थ है प्रत्येक क्लिक पर पैसे मिलना या पैसे देना | डिजिटल मार्केटिंग में विज्ञापन करने वाले लोगों के सामने ये पेमेंट मोड अक्सर आता है |

इन्टरनेट पर विज्ञापन करने वाली कंपनी या व्यक्ति को एडवरटाइजर कहा जाता है और जो व्यक्ति या कंपनी अपनी वेबसाइट, ब्लॉग या विडियो चैनल पर एडवरटाइजर के विज्ञापनों को प्रकाशित करता है उसे विज्ञापन पब्लिशर बोलते हैं |

विज्ञापन पब्लिशर और एडवरटाइजर के मध्य जो कंपनी कार्य करती है उसे एडवरटाइजिंग नेटवर्क बोला जाता है |

गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, याहू, इन्फोलिंक्स इत्यादि कंपनियां बड़े विज्ञापन नेटवर्क हैं |

ये नेटवर्क पब्लिशर और एडवरटाइजर को मिलाने का कार्य करते हैं |

पब्लिशर की वेबसाइट के कंटेंट के हिसाब से और एडवरटाइजर के विग्यापन की श्रेणी के हिसाब से ही विज्ञापन दिखाया जाता है जिससे की ज्यादा से ज्यादा कन्वर्शन मिल सके |

जब विज्ञापन पब्लिशर की वेबसाइट पे दिखाए जाने वाले विज्ञापन को कोई यूजर या विजिटर क्लिक करता है तो एडवरटाइजर के अकाउंट से जिस हिसाब से पैसा कटता है उसे कॉस्ट पैर क्लिक यानि की CPC कहा जाता है |

पब्लिशर को पैसा भी हर क्लिक के अनुसार मिलता है | पैर क्लिक मिलने वाले मूल्य का आंकलन कई फैक्टर्स को मानकर किया जाता है जिसे की –

क्लिक करने वाले यूजर का देश – USA, UK, कनाडा जैसे देशों से अधिक CPC रेट मिलता है

क्लिक होने वाले विज्ञापन की श्रेणी – कुछ श्रेणिया जैसे की Insurance, Loan इत्यादि में अधिक मूल्य मिलता है |

ppc kya hai

पे पर क्लिक में एडवरटाइजिंग नेटवर्क को क्या लाभ होता है ? PP ke Benefits ?

एडवरटाइजिंग नेटवर्क एडवरटाइजर से मिलने वाली रकम में से हर क्लिक पर ३० – ४० % तक अपने पास रखते हैं और ६० – ७० % पैसा पब्लिशर को दे देते हैं |

कॉस्ट पर क्लिक का क्या लाभ है ?

CPC का सबसे बड़ा लाभ यह है की एडवरटाइजर को पैसा केवल तभी देना होता है जब उसके विज्ञापनों पर क्लिक किया जाता है | एडवरटाइजर अपने विज्ञापन को अपने लक्ष्य में आने वाले यूजर को ही दिखाना चाहता है और यह विकल्प वो विज्ञापन नेटवर्क की सेटिंग में जेक चुन सकता है |

Leave a Reply

Top